संजय सिन्हा की कहानी का शीर्षक है- योग्यता और चाहत. हम जिस चीज़ के योग्य नहीं होते हैं, उसकी चाहत भी क्यों करते हैं? अंग्रेजी में एक कहावत है- पहले योग्य बनो, फिर चाहो. महाभारत के महान वीर कर्ण की इच्छा थी कि मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार ऐसी जगह हो, जहां कोई पाप न हो. कर्ण ने अपनी ये इच्छा कृष्ण से ज़ाहिर की थी. युद्ध में जब कर्ण की मृत्यु हो गई तो उस जगह की बहुत तलाश की गई जहां पाप न हो. पर हाय री किस्मत! संपूर्ण धरा पर कहीं इतनी-सी जगह भी न मिली जहां पाप न हो. संजय सिन्हा कहते हैं कि जिस किसी को पाप रहित संसार चाहिए, उसे पहले अपने मन से पाप को निकालना होगा. अगर मन से पाप न निकल पाए तो कम से कम पाप रहित धरती पर अंतिम संस्कार की इच्छा तो नहीं ही रखनी चाहिए.
आज दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है और इस दिन को मनाने के मकसद पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने साल 1972 में इसकी घोषणा की थी, लेकिन पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया और इसबार 45वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. इस साल भारत पर्यावरण दिवस होस्ट कर रहा है और इस साल की थीम 'बीट प्लास्टिक पोल्यूशन' रखी गई है. भारत भले ही इस साल पर्यावरण दिवस होस्ट कर रहा हो, लेकिन भारत पर्यावरण संरक्षण के मामले में बहुत पीछे है. सरकार की ओर से स्वच्छ भारत अभियान और स्मार्ट शहर परियोजना पर जोर दिए जाने के बाद भी भारत ई-कचरा पैदा करने वाले शीर्ष पांच देशों में बना हुआ है. एसोचैम-नेक की ओर से हाल ही में कराए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. इस रिपोर्ट के अनुसार, ई-कचरा पैदा करने वाले देशों की सूची में चीन, अमेरिका, जापान और जर्मनी जैसे देश टॉप स्थान पर बने हुए हैं. यह अध्ययन पर्यावरण दिवस के मौके पर जारी किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महाराष्ट्र ई-कचरा में सर्वाधिक 19.8 फीसदी का योगदान करता है और मात्र ...
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