रविवार छुट्टी का दिन था. कल मेरे पास तीन फोन आए. पहला फोन मेरे उस दोस्त का था जो दिल्ली में ही रहता है. उसने कल की अपनी कहानी मुझे सुनाई.
कहा- संजय, आज मैंने पत्नी और बच्चों के साथ नया मकान देखने का कार्यक्रम बनाया था. मैं गाड़ी लेकर मकान देखने निकला भी, सोचा था दोपहर में पत्नी और बच्चों को बाहर कहीं खाना खिला दूंगा और घूम-फिर कर घर लौट जाऊंगा. पर अचानक हमारे एक दोस्त का फोन आ गया कि आज दोपहर में हमें कहीं जाना है. मैंने दोस्त से हां कह दिया. देखें- क्या है ये पूरी कहानी.
कहा- संजय, आज मैंने पत्नी और बच्चों के साथ नया मकान देखने का कार्यक्रम बनाया था. मैं गाड़ी लेकर मकान देखने निकला भी, सोचा था दोपहर में पत्नी और बच्चों को बाहर कहीं खाना खिला दूंगा और घूम-फिर कर घर लौट जाऊंगा. पर अचानक हमारे एक दोस्त का फोन आ गया कि आज दोपहर में हमें कहीं जाना है. मैंने दोस्त से हां कह दिया. देखें- क्या है ये पूरी कहानी.
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