तेलंगाना में इस बार विपक्षी कांग्रेस और टीडीपी गठबंधन के माध्यम से टीआरएस को चुनावी चुनौती दे रहे हैं.
हैदराबाद: सात दिसंबर को तेलंगाना में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रत्याशी वोटरों को रिझाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इस कड़ी में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सत्ताधारी टीआरएस पार्टी ने अनोखी मुहिम शुरू की है. इसके तहत पार्टी के कई बड़े नेता डोर टू डोर अभियान के तहत मेहनतकश आम लोगों की मदद के लिए कुछ करते नजर आ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूपालपल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे टीआरएस नेता और पूर्व स्पीकर एस मधुसूदन चारी को नाई की दुकान पर एक कस्टमर की हजामत बनाते देखा गया. उसके बाद जब वह आगे बढ़े तो एक झोपड़ी के बाहर देखा कि एक बुजुर्ग व्यक्ति लंच करने जा रहे हैं तो वह उनको अपने हाथों से खाना खिलाने लगे.
तेलंगाना में इस बार विपक्षी कांग्रेस और टीडीपी गठबंधन के माध्यम से टीआरएस को चुनावी चुनौती दे रहे हैं. सो, ये गठबंधन भी जनता की सेवा में पीछे नहीं दिखना चाहता. लिहाजा तेलंगाना यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार यादव हैदराबाद में सड़क किनारे खड़े एक स्टॉल में डोसा बनाने वाले की मदद करते दिखाई दिए. इस तरह की फोटो वायरल होने के बाद कई अन्य प्रत्याशी भी प्रचार के इस तरह के तरीकों को अपना रहे हैं.
महबूबनगर से टीआरएस प्रत्याशी श्रीनिवास गौड़ तो इससे भी एक कदम आगे निकल गए. वह तो एक निर्माणाधीन इमारत के पास पहुंचे और वहां काम कर रहे मजदूरों की मदद करने लगे. उनको फावड़ा चलाते देखा गया. उसके बाद वह एक दूसरी जगह पर जाकर कपड़ों में प्रेस करने लगे. इसी तरह एक टेलर की दुकान में जाकर उसकी मदद करने लगे. इसी तरह कई अन्य टीआरएस प्रत्याशियों को कपड़ों में प्रेस करते देखा गया.
टीआरएस के 2 शीर्ष नेता कांग्रेस में शामिल
इस बीच तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को सात दिसंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले झटका लगा है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने बीते दिनों कांग्रेस का हाथ थाम लिया. तेलंगाना राज्य सड़क विकास निगम (टीएसआरडीसी) के अध्यक्ष टी.नरसा रेड्डी और तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य एस.रामुलू नाइक नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए.
इससे पहले टीआरएस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए नरसा रेड्डी को पार्टी से निलंबित कर दिया था. टीआरएस के संस्थापक सदस्यों में से एक रामुलू नाइक को भी इसी आधार पर पिछले सप्ताह पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
हैदराबाद: सात दिसंबर को तेलंगाना में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रत्याशी वोटरों को रिझाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इस कड़ी में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सत्ताधारी टीआरएस पार्टी ने अनोखी मुहिम शुरू की है. इसके तहत पार्टी के कई बड़े नेता डोर टू डोर अभियान के तहत मेहनतकश आम लोगों की मदद के लिए कुछ करते नजर आ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूपालपल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे टीआरएस नेता और पूर्व स्पीकर एस मधुसूदन चारी को नाई की दुकान पर एक कस्टमर की हजामत बनाते देखा गया. उसके बाद जब वह आगे बढ़े तो एक झोपड़ी के बाहर देखा कि एक बुजुर्ग व्यक्ति लंच करने जा रहे हैं तो वह उनको अपने हाथों से खाना खिलाने लगे.
तेलंगाना में इस बार विपक्षी कांग्रेस और टीडीपी गठबंधन के माध्यम से टीआरएस को चुनावी चुनौती दे रहे हैं. सो, ये गठबंधन भी जनता की सेवा में पीछे नहीं दिखना चाहता. लिहाजा तेलंगाना यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार यादव हैदराबाद में सड़क किनारे खड़े एक स्टॉल में डोसा बनाने वाले की मदद करते दिखाई दिए. इस तरह की फोटो वायरल होने के बाद कई अन्य प्रत्याशी भी प्रचार के इस तरह के तरीकों को अपना रहे हैं.
महबूबनगर से टीआरएस प्रत्याशी श्रीनिवास गौड़ तो इससे भी एक कदम आगे निकल गए. वह तो एक निर्माणाधीन इमारत के पास पहुंचे और वहां काम कर रहे मजदूरों की मदद करने लगे. उनको फावड़ा चलाते देखा गया. उसके बाद वह एक दूसरी जगह पर जाकर कपड़ों में प्रेस करने लगे. इसी तरह एक टेलर की दुकान में जाकर उसकी मदद करने लगे. इसी तरह कई अन्य टीआरएस प्रत्याशियों को कपड़ों में प्रेस करते देखा गया.
टीआरएस के 2 शीर्ष नेता कांग्रेस में शामिल
इस बीच तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को सात दिसंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले झटका लगा है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने बीते दिनों कांग्रेस का हाथ थाम लिया. तेलंगाना राज्य सड़क विकास निगम (टीएसआरडीसी) के अध्यक्ष टी.नरसा रेड्डी और तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य एस.रामुलू नाइक नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए.
इससे पहले टीआरएस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए नरसा रेड्डी को पार्टी से निलंबित कर दिया था. टीआरएस के संस्थापक सदस्यों में से एक रामुलू नाइक को भी इसी आधार पर पिछले सप्ताह पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
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