भारत ने कहा कि आत्म-निर्णय के अधिकार का दुरुपयोग किसी राष्ट्र की अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए भारत ने कहा कि 'संकीर्ण राजनीतिक लाभ' के लिए सभी मंचों का दुरुपयोग करने को पाकिस्तान ने अपनी आदत बना ली है. भारत ने कहा कि आत्म-निर्णय के अधिकार का दुरुपयोग किसी राष्ट्र की अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी पाकिस्तानी राजनयिक मलीहा लोधी की टिप्पणी का जवाब दे रही थीं. सत्र के दौरान लोधी ने कहा था कि आत्म-निर्णय के अधिकार के लिये कश्मीरियों के संघर्ष को दशकों से दबाया जा रहा है. लोधी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दा उस वक्त तक संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में शामिल रहेगा जब तक कि कश्मीरियों को अपना फैसला लेने का अधिकार नहीं मिलता. उन्हें यह अधिकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तय प्रक्रिया के तहत मिलना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति के एक सत्र में मंगलवार को त्रिपाठी ने कहा कि हम एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य का गैर जरूरी उल्लेख किये जाने को खारिज करते हैं. कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए मंचों का दुरूपयोग करने को अपनी आदत बना ली है.उन्होंने कहा कि वास्तविकता में, हमारी सीमा के बाहर से हो रही आंतकवादी गतिविधियों के कारण भारत के लोगों, हमारे क्षेत्र और बाहर के लोगों को मानवाधिकारों का उल्लंघन झेलना पड़ रहा है. त्रिपाठी ने कहा कि आत्म-निर्णय के अधिकार का दुरुपयोग किसी सदस्य राष्ट्र की सम्प्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता है.
किया जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए भारत ने कहा कि 'संकीर्ण राजनीतिक लाभ' के लिए सभी मंचों का दुरुपयोग करने को पाकिस्तान ने अपनी आदत बना ली है. भारत ने कहा कि आत्म-निर्णय के अधिकार का दुरुपयोग किसी राष्ट्र की अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी पाकिस्तानी राजनयिक मलीहा लोधी की टिप्पणी का जवाब दे रही थीं. सत्र के दौरान लोधी ने कहा था कि आत्म-निर्णय के अधिकार के लिये कश्मीरियों के संघर्ष को दशकों से दबाया जा रहा है. लोधी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दा उस वक्त तक संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे में शामिल रहेगा जब तक कि कश्मीरियों को अपना फैसला लेने का अधिकार नहीं मिलता. उन्हें यह अधिकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तय प्रक्रिया के तहत मिलना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति के एक सत्र में मंगलवार को त्रिपाठी ने कहा कि हम एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य का गैर जरूरी उल्लेख किये जाने को खारिज करते हैं. कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए मंचों का दुरूपयोग करने को अपनी आदत बना ली है.उन्होंने कहा कि वास्तविकता में, हमारी सीमा के बाहर से हो रही आंतकवादी गतिविधियों के कारण भारत के लोगों, हमारे क्षेत्र और बाहर के लोगों को मानवाधिकारों का उल्लंघन झेलना पड़ रहा है. त्रिपाठी ने कहा कि आत्म-निर्णय के अधिकार का दुरुपयोग किसी सदस्य राष्ट्र की सम्प्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता है.
किया जा सकता है.
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