दिग्गज फार्मा कंपनी कैडिला के चेयरमैन राजीव मोदी और उनकी पत्नी मोनिका गरवारे के बीच चल रहे तलाक के मामले को कानूनी रूप से मंजूरी मिल गई. अहमदाबाद की एक फैमिली कोर्ट ने
नई दिल्ली/ अहमदाबाद : दिग्गज फार्मा कंपनी कैडिला के चेयरमैन राजीव मोदी और उनकी पत्नी मोनिका गरवारे के बीच चल रहे तलाक के मामले को कानूनी रूप से मंजूरी मिल गई. अहमदाबाद की एक फैमिली कोर्ट ने मंगलवार को दोनों के तलाक को मंजूरी दे दी. दोनों ने यह तलाक आपसी सहमति से लिया है. तलाक के एवज में मोदी ने मोनिका को 200 करोड़ रुपये दिए हैं. आपको बता दें कि राजीव और मोनिका की 26 साल पहले शादी हुई थी. पूरे गुजरात में तलाक के एवज में यह सबसे ज्यादा धनराशि देने का मामला माना जा रहा है.
मोनिका ने सभी पदों से पहले ही रिजाइन किया
तलाक पर अदालत की तरफ से दिए गए निर्णय के अनुसार कैडिला फार्मास्युटिकल लिमिटेड के एमडी राजीव को गरवारे पालिस्टर्स लिमिटेड की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर को 200 करोड़ रुपये सैटेलमेंट अमाउंट के तौर पर देने का आदेश दिया गया. गरवारे के वकील सीनियर एडवोकेट सुधीर नानावती ने हमारी सहयोगी अखबार डीएनए को बताया कि उनकी मुवक्किल कैडिला में सभी पदों से पहले ही रिजाइन कर चुकी है और अब वह मोदी की किसी भी कंपनी में शेयर होल्डर नहीं है.
दोनों के बीच समझौता कराने की कोशिश नाकामयाब
गौरतलब है कि 30 अगस्त 2018 को राजीव और मोनिका के बीच सबसे पहले विवाद सामने आया था. उस समय मोनिका ने राजीव पर पिटाई और उत्पीड़न आरोप लगाया था. मोनिका की तरफ से पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया कि राजीव पिछले तीन साल से उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर मोदी को समन भेजा. इस बीच दोनों के बीच आपसी सहमति से समझौता कराने की कोशिश की गई. लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसके बाद दोनों के बीच 200 करोड़ रुपये पर तलाक की सहमति बनी और उन्होंने तलाक के लिए अर्जी दी थी.
मंगलवार को दोनों के तलाक को मंजूरी दे दी.
तलाक की अर्जी मंजूर कर मामले का निपटारा किया
फैमिली कोर्ट ने दोनों की तरफ से तलाक की अर्जी दिए जाने के बाद छह महीने का समय दिया. जो कि तलाक के किसी भी मामले में सुलह की गुंजाइश के लिए जरूरी समय होता है. लेकिन दोनों की तरफ से कोर्ट में यह साफ कर दिया गया कि उनके बीच रिश्ता 2012 से समाप्त हो गया. इस पर कोर्ट ने उन्हें इससे सितंबर में ही राहत दे दी. इसके बाद अदालत ने तलाक की अर्जी को मंजूरी देते हुए इसका निपटारा कर दिया.
तलाक की शर्त के अनुसार कोर्ट रूम में ही राजीव मोदी ने मोनिका को 200 करोड़ रुपये का ड्रॉफ्ट दे दिया. समझौते के अनुसार इस दंपति का बेटा, जिसका नाम भी राजीव है वह अपने पिता के साथ रहेगा. हालांकि मोनिका के पास बेटे राजीव से मिलने का अधिकार है. तलाक के अनुसार मोनिका का राजीव की किसी भी संपत्ति पर अधिकार नहीं रहेगा.
नई दिल्ली/ अहमदाबाद : दिग्गज फार्मा कंपनी कैडिला के चेयरमैन राजीव मोदी और उनकी पत्नी मोनिका गरवारे के बीच चल रहे तलाक के मामले को कानूनी रूप से मंजूरी मिल गई. अहमदाबाद की एक फैमिली कोर्ट ने मंगलवार को दोनों के तलाक को मंजूरी दे दी. दोनों ने यह तलाक आपसी सहमति से लिया है. तलाक के एवज में मोदी ने मोनिका को 200 करोड़ रुपये दिए हैं. आपको बता दें कि राजीव और मोनिका की 26 साल पहले शादी हुई थी. पूरे गुजरात में तलाक के एवज में यह सबसे ज्यादा धनराशि देने का मामला माना जा रहा है.
मोनिका ने सभी पदों से पहले ही रिजाइन किया
तलाक पर अदालत की तरफ से दिए गए निर्णय के अनुसार कैडिला फार्मास्युटिकल लिमिटेड के एमडी राजीव को गरवारे पालिस्टर्स लिमिटेड की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर को 200 करोड़ रुपये सैटेलमेंट अमाउंट के तौर पर देने का आदेश दिया गया. गरवारे के वकील सीनियर एडवोकेट सुधीर नानावती ने हमारी सहयोगी अखबार डीएनए को बताया कि उनकी मुवक्किल कैडिला में सभी पदों से पहले ही रिजाइन कर चुकी है और अब वह मोदी की किसी भी कंपनी में शेयर होल्डर नहीं है.
दोनों के बीच समझौता कराने की कोशिश नाकामयाब
गौरतलब है कि 30 अगस्त 2018 को राजीव और मोनिका के बीच सबसे पहले विवाद सामने आया था. उस समय मोनिका ने राजीव पर पिटाई और उत्पीड़न आरोप लगाया था. मोनिका की तरफ से पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया कि राजीव पिछले तीन साल से उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर मोदी को समन भेजा. इस बीच दोनों के बीच आपसी सहमति से समझौता कराने की कोशिश की गई. लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसके बाद दोनों के बीच 200 करोड़ रुपये पर तलाक की सहमति बनी और उन्होंने तलाक के लिए अर्जी दी थी.
मंगलवार को दोनों के तलाक को मंजूरी दे दी.
तलाक की अर्जी मंजूर कर मामले का निपटारा किया
फैमिली कोर्ट ने दोनों की तरफ से तलाक की अर्जी दिए जाने के बाद छह महीने का समय दिया. जो कि तलाक के किसी भी मामले में सुलह की गुंजाइश के लिए जरूरी समय होता है. लेकिन दोनों की तरफ से कोर्ट में यह साफ कर दिया गया कि उनके बीच रिश्ता 2012 से समाप्त हो गया. इस पर कोर्ट ने उन्हें इससे सितंबर में ही राहत दे दी. इसके बाद अदालत ने तलाक की अर्जी को मंजूरी देते हुए इसका निपटारा कर दिया.
तलाक की शर्त के अनुसार कोर्ट रूम में ही राजीव मोदी ने मोनिका को 200 करोड़ रुपये का ड्रॉफ्ट दे दिया. समझौते के अनुसार इस दंपति का बेटा, जिसका नाम भी राजीव है वह अपने पिता के साथ रहेगा. हालांकि मोनिका के पास बेटे राजीव से मिलने का अधिकार है. तलाक के अनुसार मोनिका का राजीव की किसी भी संपत्ति पर अधिकार नहीं रहेगा.
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