ह्यूस्टन: अगर आप लंबे समय तक बैठकर काम करते रहते हैं, कोई ब्रेक नहीं लेते तो इससे आपको स्वास्थ्य संबंधी बहुत सी दिक्कतें हो सकती हैं. वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी है. लगातार बैठे रहने को कम करने के लिए सर्वाधिक प्रभावी और व्यावहारिक तरीका क्या हो सकता है, इस पर अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है. अमेरिका में रियो ग्रांदे वैली में यूनिवर्सिटी आफ टेक्सास की लिंडा इयानेस ने यह जानकारी दी है. इयानेस ने बताया, ‘‘ लंबे समय तक बैठे रहने के खराब प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने में नर्सो की महत्वपूर्ण भूमिका है.’’
हालिया सालों में किए गए अध्ययनों में यह पाया गया है लंबे समय तक बैठकर काम करने और कई गंभीर बीमारियों के खतरे की आशंका के बीच सीधा संबंध है. कुछ लोगों का यह दावा रहता है कि वे लंबे समय तक बैठ कर काम करने के बाद कसरत करके इस नुकसान की भरपाई कर लेते हैं लेकिन अमेरिकन जर्नल आफ नर्सिंग के अनुसार किसी भी कसरत से लंबे समय तक बैठे रहने से होने वाले नुकसान को कम नही किया जा सकता है.
लगातार लंबे समय तक बैठने से सेहत को भारी नुकसान, हो सकती है जानलेवा
एक ही जगह पर अधिक समय तक बैठे रहना दिल के लिए खतरनाक है. विश्व में होने वाली कुल मौतों में से 4 प्रतिशत लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि वह एक दिन में 3 से 4 घंटे तक बैठे रहते हैं . लगातार बैठे रहना, आराम करना या जागते हुए भी लेटे रहना या पढ़ते हुए, टीवी देखने या कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करना या लेटे हुए उन पर काम करना आदि भी जोखिम पैदा कर सकता है. ये सेहत के लिए काफी नुकसानदेह है, जोकि जानलेवा बन रही है1काम की वजह से यदि आप कुर्सी पर 3 घंटे से लगातार बैठे हैं तो जान लें यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.
दुनिया में 54 देशों में हाल में हुए अध्ययन के आधार पर पाया गया कि दुनिया में 3.8 प्रतिशत लोगों की मौत का कारण 3 घंटे या उससे ज्यादा देर तक कुर्सी पर लगातार बैठे रहना है . यानी केवल इस आदत से हर साल 4.33 लाख लोगों की मौत हो रही है . अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडीसिन में प्रकाशित यह ताजा अध्ययन स्पेन की सेन जॉर्ज यूनिवर्सिटी ज़ारागोज़ा ने किया है .
इस अध्ययन में चेयर इफेक्ट को लेकर 2002 से 2011 के बीच के आंकड़े देखे गए. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक लियोनार्डो रेज़ेन्डे कहते हैं कि समय से पूर्व बीमारियों की वजह से होने वाली मौतों को रोकने के लिए व्यक्ति को अपनी व्यवहारिक आदतों में बदलाव करना चाहिए. अध्ययन कहता है कि 60 फीसदी लोग 3 घंटे से ज्यादा समय तक अपनी जगह पर बैठे रहते हैं. युवा हर दिन करीब 4.7 घंटे लगातार कुर्सी पर बैठ रहे हैं . उन्होंने अपने अध्ययन में इस बात पर भी जोर दिया कि अपने बैठने के घंटों को कम करके लाइफ एक्सपेंटेंसी में सालाना 0.20 फीसदी का इजाफा किया जा सकता है .
लगातार बैठे रहने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें यूरोपीय देशों, मध्यपूर्वी देशों, अमेरिका और दक्षिण एशियाई देशों में हुई . इसमें सबसे ज्यादा 11.6 फीसदी लेबनान, 7.6 फीसदी नीदरलैंड और 6.9 फीसदी डेनमार्क में हुईं . अध्ययन में यह भी बताया है कि यदि हम अपने लगातार बैठने के समय में 2 घंटों की कमी कर लें तो इसकी वजह से होने वाली मौत के खतरे को तीन गुना तक कम कर सकते हैं .
यानी यह खतरा 2.3 फीसदी तक कम हो जाएगा . लगातार बैठने से होनी वाली मौतें सबसे ज्यादा लेबनान में हुईं . यहां यह आंकड़ा 11.6 फीसदी पाया गया . नीदरलैंड 7.6फीसदी, डेनमार्क 6.9 फीसदी है.
हालिया सालों में किए गए अध्ययनों में यह पाया गया है लंबे समय तक बैठकर काम करने और कई गंभीर बीमारियों के खतरे की आशंका के बीच सीधा संबंध है. कुछ लोगों का यह दावा रहता है कि वे लंबे समय तक बैठ कर काम करने के बाद कसरत करके इस नुकसान की भरपाई कर लेते हैं लेकिन अमेरिकन जर्नल आफ नर्सिंग के अनुसार किसी भी कसरत से लंबे समय तक बैठे रहने से होने वाले नुकसान को कम नही किया जा सकता है.
लगातार लंबे समय तक बैठने से सेहत को भारी नुकसान, हो सकती है जानलेवा
एक ही जगह पर अधिक समय तक बैठे रहना दिल के लिए खतरनाक है. विश्व में होने वाली कुल मौतों में से 4 प्रतिशत लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि वह एक दिन में 3 से 4 घंटे तक बैठे रहते हैं . लगातार बैठे रहना, आराम करना या जागते हुए भी लेटे रहना या पढ़ते हुए, टीवी देखने या कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करना या लेटे हुए उन पर काम करना आदि भी जोखिम पैदा कर सकता है. ये सेहत के लिए काफी नुकसानदेह है, जोकि जानलेवा बन रही है1काम की वजह से यदि आप कुर्सी पर 3 घंटे से लगातार बैठे हैं तो जान लें यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.
दुनिया में 54 देशों में हाल में हुए अध्ययन के आधार पर पाया गया कि दुनिया में 3.8 प्रतिशत लोगों की मौत का कारण 3 घंटे या उससे ज्यादा देर तक कुर्सी पर लगातार बैठे रहना है . यानी केवल इस आदत से हर साल 4.33 लाख लोगों की मौत हो रही है . अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडीसिन में प्रकाशित यह ताजा अध्ययन स्पेन की सेन जॉर्ज यूनिवर्सिटी ज़ारागोज़ा ने किया है .
इस अध्ययन में चेयर इफेक्ट को लेकर 2002 से 2011 के बीच के आंकड़े देखे गए. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक लियोनार्डो रेज़ेन्डे कहते हैं कि समय से पूर्व बीमारियों की वजह से होने वाली मौतों को रोकने के लिए व्यक्ति को अपनी व्यवहारिक आदतों में बदलाव करना चाहिए. अध्ययन कहता है कि 60 फीसदी लोग 3 घंटे से ज्यादा समय तक अपनी जगह पर बैठे रहते हैं. युवा हर दिन करीब 4.7 घंटे लगातार कुर्सी पर बैठ रहे हैं . उन्होंने अपने अध्ययन में इस बात पर भी जोर दिया कि अपने बैठने के घंटों को कम करके लाइफ एक्सपेंटेंसी में सालाना 0.20 फीसदी का इजाफा किया जा सकता है .
लगातार बैठे रहने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें यूरोपीय देशों, मध्यपूर्वी देशों, अमेरिका और दक्षिण एशियाई देशों में हुई . इसमें सबसे ज्यादा 11.6 फीसदी लेबनान, 7.6 फीसदी नीदरलैंड और 6.9 फीसदी डेनमार्क में हुईं . अध्ययन में यह भी बताया है कि यदि हम अपने लगातार बैठने के समय में 2 घंटों की कमी कर लें तो इसकी वजह से होने वाली मौत के खतरे को तीन गुना तक कम कर सकते हैं .
यानी यह खतरा 2.3 फीसदी तक कम हो जाएगा . लगातार बैठने से होनी वाली मौतें सबसे ज्यादा लेबनान में हुईं . यहां यह आंकड़ा 11.6 फीसदी पाया गया . नीदरलैंड 7.6फीसदी, डेनमार्क 6.9 फीसदी है.
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