नई दिल्ली: अगर आप किसी काम को पूरा करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं लेकिन उसमें असफल हो रहे हैं तो आप उस काम के बारे में दूसरों को सलाह देना शुरू कर दें. इस तरह आपके खुद के सफल होने की संभावना 65% से ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसा एक शोध के बाद सामने आया है.
हाल ही में 2 हजार से ज्यादा लोगों पर एक शोध किया गया है जिसके बाद यह नतीजा सामने आया है. यह शोध अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने मिलकर किया है. इस शोध का मुख्य आधार मोटिवेशन से जुड़ा था. शोधकर्ताओं द्वाया यह शोध यह जानने के लिए किया गया था कि अगर कोई व्यक्ति बार बार मिल रही असफलता से निराश है तो उसे प्रेरित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या होगा. इस सवाल का जवाब ढूंढते ढूंढते शोधकर्ताओं को अनोखा परिणाम मिला.
शोध में पता चला, भले ही कोई व्यक्ति खुद असफल हो रहा हो, लेकिन जब वो किसी और को सलाह देता है तो खुद-ब-खुद उसका आत्मविश्वास बढ़ता है. साथ ही वह दूसरों को जो सलाह दे रहा है, वो उसके अवचेतन या अचेतन दिमाग तक पहुंचती है. इन बातों का असर उस सलाह देने वाले व्यक्ति के व्यवहार और आउटपुट में दिखने लगता है. इसी वजह से उसके सफल होने की संभावना 65% से ज्यादा बढ़ जाती है.
रिसर्च के नतीजों में 68% बेरोजगार लोगों ने कहा, दूसरों को नौकरी तलाशने के रास्ते बताने के बाद उनको भी नौकरी ढूंढना पहले से आसान लगने लगा. वहीं 72% लोग ऐसे थे, जिनके पास पैसा आ तो रहा था, लेकिन बच नहीं रहा था. इन लोगों ने जब किसी प्रोफेशनल बैंकर की तरह दूसरों को मनी-मैनेजमेंट टिप्स दिए तो इनको भी पैसे बचाने के रास्ते मिलने लगे. 77% लोग गुस्सा काबू नहीं कर पा रहे थे. दूसरों को गुस्सा रोकने के टिप्स देने पर उनका दिमाग भी शांत हुआ. 72% लोगों ने इसी तरह से खुद को फिटनेस के लिए मोटिवेट किया.
सेल्फ हेल्प थेरेपी का दिया गया नाम
रिसर्च टीम में शामिल डॉ. फिशबैच ने कहा, असफलता मिलने पर लोग दूसरों से सफल होने की सलाह लेते हैं लेकिन हमने अपने शोध में निराश और असफल लोगों को सलाह लेने की जगह देने को कहा. आप असफल हैं तो मुमकिन है कि कई लोग आपकी बात न मानें लेकिन अगर वो आपकी बात सुन भर लें तो ये भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. हम दूसरों को मदद ऑफर करते हैं, लेकिन असल में खुद की मदद कर रहे होते हैं. तभी इसे सेल्फ हेल्प थेरेपी का नाम दिया गया है.
हाल ही में 2 हजार से ज्यादा लोगों पर एक शोध किया गया है जिसके बाद यह नतीजा सामने आया है. यह शोध अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने मिलकर किया है. इस शोध का मुख्य आधार मोटिवेशन से जुड़ा था. शोधकर्ताओं द्वाया यह शोध यह जानने के लिए किया गया था कि अगर कोई व्यक्ति बार बार मिल रही असफलता से निराश है तो उसे प्रेरित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या होगा. इस सवाल का जवाब ढूंढते ढूंढते शोधकर्ताओं को अनोखा परिणाम मिला.
शोध में पता चला, भले ही कोई व्यक्ति खुद असफल हो रहा हो, लेकिन जब वो किसी और को सलाह देता है तो खुद-ब-खुद उसका आत्मविश्वास बढ़ता है. साथ ही वह दूसरों को जो सलाह दे रहा है, वो उसके अवचेतन या अचेतन दिमाग तक पहुंचती है. इन बातों का असर उस सलाह देने वाले व्यक्ति के व्यवहार और आउटपुट में दिखने लगता है. इसी वजह से उसके सफल होने की संभावना 65% से ज्यादा बढ़ जाती है.
रिसर्च के नतीजों में 68% बेरोजगार लोगों ने कहा, दूसरों को नौकरी तलाशने के रास्ते बताने के बाद उनको भी नौकरी ढूंढना पहले से आसान लगने लगा. वहीं 72% लोग ऐसे थे, जिनके पास पैसा आ तो रहा था, लेकिन बच नहीं रहा था. इन लोगों ने जब किसी प्रोफेशनल बैंकर की तरह दूसरों को मनी-मैनेजमेंट टिप्स दिए तो इनको भी पैसे बचाने के रास्ते मिलने लगे. 77% लोग गुस्सा काबू नहीं कर पा रहे थे. दूसरों को गुस्सा रोकने के टिप्स देने पर उनका दिमाग भी शांत हुआ. 72% लोगों ने इसी तरह से खुद को फिटनेस के लिए मोटिवेट किया.
सेल्फ हेल्प थेरेपी का दिया गया नाम
रिसर्च टीम में शामिल डॉ. फिशबैच ने कहा, असफलता मिलने पर लोग दूसरों से सफल होने की सलाह लेते हैं लेकिन हमने अपने शोध में निराश और असफल लोगों को सलाह लेने की जगह देने को कहा. आप असफल हैं तो मुमकिन है कि कई लोग आपकी बात न मानें लेकिन अगर वो आपकी बात सुन भर लें तो ये भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. हम दूसरों को मदद ऑफर करते हैं, लेकिन असल में खुद की मदद कर रहे होते हैं. तभी इसे सेल्फ हेल्प थेरेपी का नाम दिया गया है.
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