नई दिल्ली: फेसबुक के यूजर के डाटा लीक प्रकरण पर मचे बवाल के बीच डिजिटल भुगतान और ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम पर ऐसा ही कुछ आरोप लगा है. हालांकि कंपनी ने सफाई दी है कि वह अपने प्रयोगकर्ताओं या यूजर्स का डाटा कभी अपने निवेशकों या किसी अन्य विदेशी इकाई से साझा नहीं करती है. पेटीएम ने कहा कि वह डाटा को स्थानीय स्तर पर भारत में स्टोर करती है, जिस पर किसी बाहरी पक्ष की पहुंच नहीं होती.
देश की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान कंपनी
वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के पास पेटीएम ब्रांड का स्वामित्व है. यह देश की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान कंपनी है. कंपनी ने कहा कि वह अपने यूजर्स के डाटा को कभी तीसरे पक्ष की एजेंसियो, अंशधारकों, निवेशकों या विदेशी इकाई से साझा नहीं करती है. सांसद नरेंद्र जाधव ने राज्यसभा में कहा था कि चीन की अलीबाबा हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. अलीबाबा के पास पेटीएम की हिस्सेदारी है. इसके बाद ही बवाल मचा.
जापान के सॉफ्टबैंक से किया पेटीएम ने किया करार
यह भी खबर है कि पेटीएम ने जापान के सॉफ्टबैंक से पेमेंट सर्विस शुरू करने के लिए करार भी किया है. इसमें याहू जापान कॉरपोरेशन भी हिस्सेदार है. सॉफ्टबैंक की वेबसाइट पर इस संयुक्त उद्यम को पेपे कॉरपोरेशन नाम दिया गया है. इसके तहत 2018 के अंत तक बारकोड (क्यूआर कोड) के साथ स्मार्टफोन पेमेंट सेवा शुरू होगी. इसमें पेटीएम की पेमेंट तकनीक का इस्तेमाल होगा.
पेटीएम ने दी सफाई
राज्यसभा में सवाल उठने के बाद आननफानन में पेटीएम के प्रवक्ता ने ईमेल से भेजे जवाब में कहा कि यह एक भारतीय के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनी है. हम अपने यूजर्स के डाटा को अपने किसी निवेशक या विदेशी इकाई से साझा नहीं करते हैं.
नोएडा में कंपनी ने खरीदी जमीन
पेटीएम ने नोएडा में 10 एकड़ जमीन खरीदी है. कंज्यूमर इंटरनेट स्टार्टअप के मामले में इसे सबसे बड़ी डील कहा जा रहा है. कंपनी के कारोबार में विस्तार हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह सौदा 150 करोड़ रुपए के आसपास का होगा. कंपनी जमीन सीधे नोएडा अथॉरिटी से खरीद रही है इसलिए उसे शायद इससे कुछ कम कीमत चुकानी पड़ेगी.
देश की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान कंपनी
वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के पास पेटीएम ब्रांड का स्वामित्व है. यह देश की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान कंपनी है. कंपनी ने कहा कि वह अपने यूजर्स के डाटा को कभी तीसरे पक्ष की एजेंसियो, अंशधारकों, निवेशकों या विदेशी इकाई से साझा नहीं करती है. सांसद नरेंद्र जाधव ने राज्यसभा में कहा था कि चीन की अलीबाबा हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. अलीबाबा के पास पेटीएम की हिस्सेदारी है. इसके बाद ही बवाल मचा.
जापान के सॉफ्टबैंक से किया पेटीएम ने किया करार
यह भी खबर है कि पेटीएम ने जापान के सॉफ्टबैंक से पेमेंट सर्विस शुरू करने के लिए करार भी किया है. इसमें याहू जापान कॉरपोरेशन भी हिस्सेदार है. सॉफ्टबैंक की वेबसाइट पर इस संयुक्त उद्यम को पेपे कॉरपोरेशन नाम दिया गया है. इसके तहत 2018 के अंत तक बारकोड (क्यूआर कोड) के साथ स्मार्टफोन पेमेंट सेवा शुरू होगी. इसमें पेटीएम की पेमेंट तकनीक का इस्तेमाल होगा.
पेटीएम ने दी सफाई
राज्यसभा में सवाल उठने के बाद आननफानन में पेटीएम के प्रवक्ता ने ईमेल से भेजे जवाब में कहा कि यह एक भारतीय के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनी है. हम अपने यूजर्स के डाटा को अपने किसी निवेशक या विदेशी इकाई से साझा नहीं करते हैं.
नोएडा में कंपनी ने खरीदी जमीन
पेटीएम ने नोएडा में 10 एकड़ जमीन खरीदी है. कंज्यूमर इंटरनेट स्टार्टअप के मामले में इसे सबसे बड़ी डील कहा जा रहा है. कंपनी के कारोबार में विस्तार हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह सौदा 150 करोड़ रुपए के आसपास का होगा. कंपनी जमीन सीधे नोएडा अथॉरिटी से खरीद रही है इसलिए उसे शायद इससे कुछ कम कीमत चुकानी पड़ेगी.
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