नई दिल्ली: स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का पैसा वर्ष 2017 में 50 फीसदी बढ़कर 1.01 अरब सीएचएफ यानी स्विस फ्रैंक (7 हजार करोड़ रुपए) हो गया. हालांकि, वर्ष 2006 के अंत में भारतीयों का जमा पैसा 650 करोड़ स्विस फ्रैंक (23,000 करोड़ रुपए) के अपने रिकॉर्ड हाई पर था. इसे देखते हुए यह सवाल उठना लाजमी है कि ऐसा क्या है, जिसकी वजह से सभी पैसे वाले लोग स्विस बैंक में ही खाता खोलते हैं. काले धन और स्विस बैंकों को लेकर कई खबरें तो पढ़ी होंगी, लेकिन क्या आपको मालूम है कि यह कैसे काम करता है. सवाल यह भी है क्या केवल बड़े धन कुबेर ही स्विस बैंक में खाता खोल सकते है? जी नहीं, स्विस बैंक में कोई भी अपना खाता खोल सकता है. आइए जानते हैं स्विस बैंक में कैसे खुलवाया जा सकता है खाता-
ऐसे खुलवा सकते हैं खाता
आप स्विटजरलैंड में स्थित किसी भी बैंक में खाता खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए बैंक आपके पहचान संबंधी दस्तावेजों को कॉरेस्पोंडेंस के जरिए मंगाता है. इसे आप ई-मेल के जरिए भी भेज सकते हैं. केवल बिना नाम वाला खाता खोलने के लिए ही आपको स्विटजरलैंड जाना जरूरी होता है.
काले धन रखने के लिए 'नंबर अकाउंट'
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, काला धन रखने वाले जो अकाउंट खुलवाते हैं, उसे नंबर अकाउंट कहा जाता है. स्विस बैंक में अकाउंट 68 लाख रुपए से खुलता है. इसमें ट्रांसजैक्शन के वक्त कस्टमर के नाम के बजाय सिर्फ उसे दी गई नंबर आईडी का इस्तेमाल होता है. इसके लिए स्विट्जरलैंड के बैंक में फिजिकल तौर पर जाना जरूरी हो जाता है. 20,000 रुपए हर साल इस अकाउंट की मेंटनेंस के लिए जाते हैं.
तीन तरह के खुलते हैं अकाउंट
आपके पहचान संबंधी दस्तावेजों का किसी सरकारी एजेंसी से प्रमाणित होना जरूरी है, जिसके आधार पर स्विटजरलैंड के बैंक में आप पर्सनल अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट और इन्वेस्टमेंट अकाउंट सहित दूसरे खाते खुलवा सकते हैं. बैंक रिकॉर्ड के लिए कई तरह के डॉक्युमेंट्स मांगते हैं. इनमें पासपोर्ट की ऑथेन्टिक कॉपी, कंपनी के डॉक्युमेंट, प्रफेशनल लाइसेंस जरूरी होता है.
बिना नाम के भी खुलते हैं खाते
स्विट्जरलैंड में करीब 400 बैंक हैं. ये सभी बैंक गोपनीयता कानून की धारा 47 के तहत बैंक अकाउंट खुलवाने वाले की गोपनीयता रखते हैं. अपनी गोपनीयता की वजह से दुनिया भर में लोकप्रिय स्विस बैंक ग्राहकों को नंबर के आधार पर भी खाता खोलने का मौका देते हैं, यानी कि खाते पर आपका नाम नहीं होगा.
नंबर से ही होता है सारा लेन-देन
सारा लेन-देन नंबर के आधार पर होगा, लेकिन इस तरह का खाता खोलने की प्रक्रिया काफी सख्त है. खाता खोलने वाले को खुद बैंक में जाकर अपनी पूरी जानकारी देनी पड़ती है. इसके अलावा यह खाता न्यूनतम 1 लाख डॉलर की पूंजी से खोला जा सकता है. खाता धारक के नाम की जानकारी केवल बैंक के कुछ चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों के पास होती है.
कोई भी वयस्क खोल सकता है खाता
कोई भी व्यक्ति, जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है, वह स्विस बैंक में अपना खाता खोल सकता है. भारतीय भी इसी कड़ी में अपना खाता खोल सकते हैं. हालांकि, खाता खोलने का अंतिम अधिकार दूसरे बैंकों की तरह स्विस बैंक के पास होता है. बैंक खाता खोलते वक्त खास तौर से पूंजी के स्रोत आदि पर कड़ी पड़ताल करता है, जिसमें राजनीतिक शख्सियत आदि का खाता खोलते वक्त खास पड़ताल की जाती है.
स्विटजरलैंड में हैं 400 बैंक
स्विटजरलैंड में करीब 400 बैंक हैं, जो स्विस बैंक के रूप में जाने जाते हैं. इसमें से दुनिया भर में यूनाइटेड बैंक ऑफ स्विटजरलैंड (यूबीएस) और क्रेडिट सुईस समूह सबसे लोकप्रिय बैंक हैं. इन बैंकों के पास स्विटजरलैंड के कुल बैंकों की 50 फीसदी से ज्यादा बैलेंसशीट है.
भारतीयों पर लगते हैं RBI और FEMA कानून
रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, जिस भारतीय का विदेशी बैंक में खाता है, वह उसमें साल में 1.25 लाख डॉलर तक जमा कर सकता है. इसके अलावा कंपनियों के खातों पर फेमा कानून लागू होता है. खाते में लेन-देने को लेकर प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को छूट मिलती है.
ऐसे खुलवा सकते हैं खाता
आप स्विटजरलैंड में स्थित किसी भी बैंक में खाता खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए बैंक आपके पहचान संबंधी दस्तावेजों को कॉरेस्पोंडेंस के जरिए मंगाता है. इसे आप ई-मेल के जरिए भी भेज सकते हैं. केवल बिना नाम वाला खाता खोलने के लिए ही आपको स्विटजरलैंड जाना जरूरी होता है.
काले धन रखने के लिए 'नंबर अकाउंट'
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, काला धन रखने वाले जो अकाउंट खुलवाते हैं, उसे नंबर अकाउंट कहा जाता है. स्विस बैंक में अकाउंट 68 लाख रुपए से खुलता है. इसमें ट्रांसजैक्शन के वक्त कस्टमर के नाम के बजाय सिर्फ उसे दी गई नंबर आईडी का इस्तेमाल होता है. इसके लिए स्विट्जरलैंड के बैंक में फिजिकल तौर पर जाना जरूरी हो जाता है. 20,000 रुपए हर साल इस अकाउंट की मेंटनेंस के लिए जाते हैं.
तीन तरह के खुलते हैं अकाउंट
आपके पहचान संबंधी दस्तावेजों का किसी सरकारी एजेंसी से प्रमाणित होना जरूरी है, जिसके आधार पर स्विटजरलैंड के बैंक में आप पर्सनल अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट और इन्वेस्टमेंट अकाउंट सहित दूसरे खाते खुलवा सकते हैं. बैंक रिकॉर्ड के लिए कई तरह के डॉक्युमेंट्स मांगते हैं. इनमें पासपोर्ट की ऑथेन्टिक कॉपी, कंपनी के डॉक्युमेंट, प्रफेशनल लाइसेंस जरूरी होता है.
बिना नाम के भी खुलते हैं खाते
स्विट्जरलैंड में करीब 400 बैंक हैं. ये सभी बैंक गोपनीयता कानून की धारा 47 के तहत बैंक अकाउंट खुलवाने वाले की गोपनीयता रखते हैं. अपनी गोपनीयता की वजह से दुनिया भर में लोकप्रिय स्विस बैंक ग्राहकों को नंबर के आधार पर भी खाता खोलने का मौका देते हैं, यानी कि खाते पर आपका नाम नहीं होगा.
नंबर से ही होता है सारा लेन-देन
सारा लेन-देन नंबर के आधार पर होगा, लेकिन इस तरह का खाता खोलने की प्रक्रिया काफी सख्त है. खाता खोलने वाले को खुद बैंक में जाकर अपनी पूरी जानकारी देनी पड़ती है. इसके अलावा यह खाता न्यूनतम 1 लाख डॉलर की पूंजी से खोला जा सकता है. खाता धारक के नाम की जानकारी केवल बैंक के कुछ चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों के पास होती है.
कोई भी वयस्क खोल सकता है खाता
कोई भी व्यक्ति, जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है, वह स्विस बैंक में अपना खाता खोल सकता है. भारतीय भी इसी कड़ी में अपना खाता खोल सकते हैं. हालांकि, खाता खोलने का अंतिम अधिकार दूसरे बैंकों की तरह स्विस बैंक के पास होता है. बैंक खाता खोलते वक्त खास तौर से पूंजी के स्रोत आदि पर कड़ी पड़ताल करता है, जिसमें राजनीतिक शख्सियत आदि का खाता खोलते वक्त खास पड़ताल की जाती है.
स्विटजरलैंड में हैं 400 बैंक
स्विटजरलैंड में करीब 400 बैंक हैं, जो स्विस बैंक के रूप में जाने जाते हैं. इसमें से दुनिया भर में यूनाइटेड बैंक ऑफ स्विटजरलैंड (यूबीएस) और क्रेडिट सुईस समूह सबसे लोकप्रिय बैंक हैं. इन बैंकों के पास स्विटजरलैंड के कुल बैंकों की 50 फीसदी से ज्यादा बैलेंसशीट है.
भारतीयों पर लगते हैं RBI और FEMA कानून
रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, जिस भारतीय का विदेशी बैंक में खाता है, वह उसमें साल में 1.25 लाख डॉलर तक जमा कर सकता है. इसके अलावा कंपनियों के खातों पर फेमा कानून लागू होता है. खाते में लेन-देने को लेकर प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को छूट मिलती है.
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