जम्मू: भारी सुरक्षा के बीच बुधवार से अमरनाथ यात्रा शुरू गई. जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से पहला जत्था रवाना हुआ. बस में सवार भगवान शंकर के भक्त बम भोले का जयकार कर रहे थे. बाबा बर्फानी के दर्शन को लेकर भक्त उत्साह से लबरेज दिखे. जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम, जम्मू-कश्मीर राज्यपाल के दो सलाहकार विजय कुमार और बीबी व्यास ने अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई. जम्मू में CRPF के आईजी ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. भक्त बिना किसी चिंता के बर्फानी के दर्शन करें.
उन्होंने बताया कि भगवान शंकर के ये भक्त दिन में कश्मीर के गांदेरबाल स्थित बालटाल और अनंतनाग स्थित नुनवान, पहलगाम आधार शिविर पहुंचेंगे. यहां से पैदल ही 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर के लिए रवाना होंगे.
अभी तक देशभर से करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है. अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं में साधु भी शामिल हैं. यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा जिस दिन रक्षा बंधन भी है.
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एसडी सिंह जामवाल ने कहा ‘सुचारू और शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा के लिए सभी तैयारियां कर ली गई है जो कि भाईचारे और साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है.’
ये भी पढ़ें:अमरनाथ यात्रा पर बुरी नजर रखने वालों से निपटने के लिए कश्मीर पहुंची NSG की टीमें
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल पूरी तरह से चौकस हैं और राष्ट्र विरोधी तत्वों और सीमापार स्थित उनके आकाओं के नापाक इरादों को विफल करने के लिए पर्याप्त कदम उठाये गए हैं. सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि अभी तक 1.96 लाख तीर्थयात्रियों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है. पहली बार इस बार अमरनाथ जाने वाले वाहनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग का इस्तेमाल किया जाएगा और सीआरपीएफ का मोटरसाइकिल दस्ता भी सक्रिय रहेगा.
अधिकारियों ने बताया कि आधारशिवरों, मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इस साल सरकार ने अमरनाथ यात्रियों के प्रत्येक वाहन की निगरानी रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग से करने का निर्णय किया है. इसके साथ ही तीर्थयात्रियों की ओर से लिये गए प्रीपेड मोबाइल नम्बरों की वैधता भी सात दिन से बढ़ाकर 10 दिन कर दी गई है.
अधिकारियों ने बताया कि इस साल की तीर्थयात्रा के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ और सेना से करीब 40 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.
पिछले साल कुल 2.60 लाख तीर्थयात्रियों ने गुफा में दर्शन किये थे. वर्तमान रास्ते की क्षमता और तीर्थयात्रा क्षेत्र में उपलब्ध अन्य आधारभूत ढांचे को ध्यान में रखते हुए श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड ने प्रतिदिन 7500 तीर्थयात्रियों को प्रत्येक रास्ते पर इजाजत देने का निर्णय किया है.
उन्होंने बताया कि भगवान शंकर के ये भक्त दिन में कश्मीर के गांदेरबाल स्थित बालटाल और अनंतनाग स्थित नुनवान, पहलगाम आधार शिविर पहुंचेंगे. यहां से पैदल ही 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर के लिए रवाना होंगे.
अभी तक देशभर से करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है. अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं में साधु भी शामिल हैं. यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा जिस दिन रक्षा बंधन भी है.
जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक एसडी सिंह जामवाल ने कहा ‘सुचारू और शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा के लिए सभी तैयारियां कर ली गई है जो कि भाईचारे और साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है.’
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उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल पूरी तरह से चौकस हैं और राष्ट्र विरोधी तत्वों और सीमापार स्थित उनके आकाओं के नापाक इरादों को विफल करने के लिए पर्याप्त कदम उठाये गए हैं. सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि अभी तक 1.96 लाख तीर्थयात्रियों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है. पहली बार इस बार अमरनाथ जाने वाले वाहनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग का इस्तेमाल किया जाएगा और सीआरपीएफ का मोटरसाइकिल दस्ता भी सक्रिय रहेगा.
अधिकारियों ने बताया कि आधारशिवरों, मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इस साल सरकार ने अमरनाथ यात्रियों के प्रत्येक वाहन की निगरानी रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग से करने का निर्णय किया है. इसके साथ ही तीर्थयात्रियों की ओर से लिये गए प्रीपेड मोबाइल नम्बरों की वैधता भी सात दिन से बढ़ाकर 10 दिन कर दी गई है.
अधिकारियों ने बताया कि इस साल की तीर्थयात्रा के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ और सेना से करीब 40 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.
पिछले साल कुल 2.60 लाख तीर्थयात्रियों ने गुफा में दर्शन किये थे. वर्तमान रास्ते की क्षमता और तीर्थयात्रा क्षेत्र में उपलब्ध अन्य आधारभूत ढांचे को ध्यान में रखते हुए श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड ने प्रतिदिन 7500 तीर्थयात्रियों को प्रत्येक रास्ते पर इजाजत देने का निर्णय किया है.
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